बानो के कोनसोदे टिकुनटोली गाँव मे  सड़क नहीं रहने से लोग परेशान 

शिवनन्दन बड़ाईक

बानो: प्रखंड के कोनसोदे पंचायत के ग्रामीण सड़क व पुल नहीं रहने से काफी परेशान हैं। ग्रामीणों ने  छोटकेतुंगा महादेव टोली से सोय अस्पताल तक लगभग 4 किलोमीटर पक्की सड़क निर्माण की मांग की है ।मालूम हो कि महादेव टोली से सोय  हॉस्पिटल तक 1957 में सड़क कच्ची सड़क का निर्माण किया गया था ।इसके बाद एक दो बार कच्ची  सड़क का मरम्मत किया गया था ,सड़क मरमत किया हुआ  काफी वर्ष   हो जाने कारण सड़क काफी जर्जर हो गया है जिसके कारण लोगों को आने-जाने में काफी सुविधा होती है। वहीं सोय नदी में पुल नहीं रहने कारण बरसात के दिनों में ग्रामीणों के अलावा स्कूली छात्र-छात्राओं को स्कूल आने-जाने में भी काफी सुविधा होती है ।ग्रामीणों ने बताया कि स्थानीय विधायक और पंचायत को कई बार आवेदन  दिया गया लेकिन अब तक कोई पहल नहीं किया गया ।इसके कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है ग्रामीणों ने बैठक कर रोड नहीं तो वोट नहीं का निर्णय लिया है

सड़क और पुल नहीं रहने से हो रही है परेशानी 

जर्जर सड़क और सोय नदी  में पुल नहीं करने से ग्रामीणों के साथ-साथ छात्र-छात्राओं को परेशानी हो रही है ।उक्त मार्ग से ही बरसलोया,लसिया के लोग व्यापार करने के लिए आना-जाना करते हैं साथ में ग्रामीणों को भी बानो आना पड़ता है ।स्कूली बच्चों को बरसात के दिनों में काफी परेशानी होती है. सोए नदी में पानी भर जाने से लोगों को घूम के 8-10 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करके बानो जाना पड़ता बरसात के दिनों में बीमार हो जाने पर  8 किलोमीटर दूर अतिरिक्त दूरी तय करके बानो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मरीजों को ले जाना पड़ता है जिसके कारण कभी-कभी मरीज की मौत अस्पताल पहुंचने से पूर्व हो जाती है 

सड़क और पुल  बनने से होगा फायदा 

सड़क और पुल बनने से टिकुन टोली ओडिया टोली ,छोटकेतुंगा  महादेव टोली के लगभग 1000 से अधिक लोगों पर लाभ मिलेगा उक्त गांव से 50 से अधिक छात्र छात्राएं स्कूल पढ़ने के लिए बानो और लचरा जाते हैं ।स्कूली बच्चों को स्कूल आने-जाने में लाभ मिलेगा  एग्नेस समद ने बताया ढाई साल पूर्व स्थानीय विधायक गांव पहुंचे थे, सड़क निर्माण के लिए आश्वासन दिया था लेकिन कोई पहल नहीं किया गया।प्रतिमा सुरीन  ने कहा कि सोय  नदी  में पुल नहीं रहने कारण बरसात के दिनों में स्कूल और कॉलेज आने-जाने में काफी सुविधा होती है नदी में पुल नहीं होने कारण पानी भर जाने की स्थिति में 6-7 किलोमीटर घूम के स्कूल कॉलेज बच्चों को जाना पड़ता है जिसके कारण स्कूल देरी हो जाती है पठन-पाठन कार्य भी प्रभावित हो जाता है।केतुङ्गा धाम धार्मिक स्थल होने के बावजूद सड़क बन नही पाया यह वर्तमान विधायक व सांसद के पहल नही करने के कारण लोगो मे रोष है।

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